आयकर विभाग ने ठेकेदार के पास से बरामद की 100 करोड़ की बेहिसाब दौलत
बिहार : आयकर विभाग के हाथ आई एक बड़ी कामयाबी , जिसने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी, लाख प्रशासन ये आश्वासन देता रहे कि कानून व्यवस्था मे कोई कमी नही है, अपराध पर लगाम कस दी गई है, परंतु मौजूदा स्थिति कुछ और ही कहानी बयान करती है, आयकर विभाग ने बिहार और झारखंड में एक सड़क निर्माण ठेकेदार पर छापेमारी के बाद ₹100 करोड़ की बेहिसाब आय का पता लगाया है, वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इसने कहा कि विभाग ने बिहार और झारखंड में एक प्रमुख सड़क निर्माण ठेकेदार पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। 27 अक्टूबर को बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में स्थित विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान शुरू किया गया था।
बयान के अनुसार, खोजों से पता चला कि समूह सामग्री की खरीद पर खर्च बढ़ाकर अपने मुनाफे को दबा रहा है। इस तरह की अतिरिक्त सामग्री बाजार में नकद में बेची जाती है, लेकिन इस तरह से उत्पन्न नकदी बेहिसाब रहती है।
आयकर विभाग ने पाया कि समूह अन्य व्यावसायिक खर्चों को बढ़ाने के लिए आवास प्रविष्टियां प्राप्त करने में शामिल है। बयान में कहा गया है, ‘कमीशन एजेंटों के परिसर से हस्तलिखित डायरी जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं जो इन संदिग्ध गतिविधियों में निर्धारिती समूह की सहायता कर रहे हैं।
इन जब्त दस्तावेजों में बेहिसाब नकदी पैदा होने और सामग्री की आवाजाही के सबूत हैं। तलाशी अभियान में आगे खुलासा हुआ है कि समूह संविदात्मक प्राप्तियों और सेवा आय को भी दबा रहा है।
टैक्स अधिकारियों ने यह भी पाया कि समूह बिल और वाउचर जैसे सहायक दस्तावेजों सहित खातों की उचित पुस्तकों का रखरखाव नहीं कर रहा था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “खोज के दौरान बरामद और जब्त किए गए विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज विभिन्न स्थानों पर अचल संपत्तियों में निवेश के लिए विभिन्न स्थानों के बीच बेहिसाब नकदी की आवाजाही और व्यक्तिगत प्रकृति के नकद खर्च का संकेत देते हैं।”
तलाशी अभियान के दौरान यह पता चला है कि फर्जी बिलों के कमीशन एजेंटों और आपूर्तिकर्ताओं ने भी करोड़ों की आय पर टैक्स की चोरी की है, क्योंकि वे अन्य पार्टियों को भी आवास प्रविष्टियां प्रदान करने में लिप्त हैं।
तलाशी कार्रवाई में 5.71 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी बरामद हुई है।
मंत्रालय ने कहा, ”दस बैंक लॉकरों को संयम में रखा गया है। फिक्सड डिपोजिट आदि में किया गया निवेश लगभग रु. 60 करोड़ का सत्यापन चल रहा है। तलाशी अभियान में करीब 100 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है।’