Breaking
अमेरिका की धमकियों के बावजूद रूस से तेल व्यापार जारी रखेगा भारतओवल टेस्ट में टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत, सीरीज 2-2 से बराबरट्रंप ने लगाया भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ, कहा टैरिफ अमेरिका को फिर से महान और समृद्ध बना रहाIAS संजय प्रसाद सीएम योगी के क्यों हैं इतने विश्वासपात्र ,जाने कौन सी बड़ी जिम्मेदारी मिली?एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के 4थे टेस्ट में अंशुल कंबोज का डेब्यू, बने भारत के 318वे टेस्ट प्लेयरमानसून सत्र के तीसरे दिन भी जारी रहा हंगामा, लोकसभा में राष्ट्रीय खेल शासन बिल पेशउपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लिया अचानक इस्तीफाAxiom 4 Space Mission: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवानाकहीं ये वर्ल्ड वॉर की दस्तक तो नहीं? ईरान ने किया अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला११वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का एस.एम.एस में आयोजन
राष्ट्रीय

लखीमपुर हिंसा: प्रियंका गाँधी के तेवरों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश हाई,प्रियंका अभी भी हिरासत में

अर्ली न्यूज़ नेटवर्क।

लखनऊ।लखीमपुर खीरी में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत ने जहां एक तरफ भाजपा के लिए चुनौती बढ़ा दी है, वहीं विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस घटना ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने अपने आक्रामक तेवरों के जरिए साफ कर दिया है कि वह किसानों के मुद्दे पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।

कांग्रेस का कहना है कि किसान उसके लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है। पर पार्टी किसान आंदोलन के जरिए उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब और उत्तराखंड में सियासी फायदा तलाश रही है। रणनीतिकार मानते हैं कि लखीमपुर खीरी की घटना का असर यूपी के साथ पंजाब और उत्तराखंड चुनाव में भी दिखाई देगा। पार्टी किसानों की इस नाराजगी को वोट में तब्दील करने की कोशिश करेगी। इस प्रयास में वह कितनी सफल होगी यह चुनाव परिणाम बताएंगे, पर प्रियंका गांधी वाड्रा के इन तेवरों ने यूपी में पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंकी है। पार्टी नेता प्रियंका के इस जुझारुपन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि देख रहे हैं।

बेलछी नरसंहार से तुलना
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिस तरह बेलछी नरसंहार के बाद इंदिरा गांधी बेलछी गई और उसके बाद सत्ता में वापसी की। ठीक उसी तरह प्रियंका के जुझारुपन का फायदा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिलेगा। हालांकि, वह मानते हैं कि यूपी में पार्टी का संगठन बेहद कमजोर है।

Related Articles

Back to top button