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वन रैंक वन पेंशन मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल अपना फैसला सुनाएगा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट वन रैंक वन पेंशन मामले में कल अपना फैसला सुनाएगा। वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट द्वारा याचिका दाखिल की गई है। मामले पर सुनवाई पूरी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।

मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया था कि सशस्त्र बलों में वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) पर सैद्धांतिक रूप से सहमत होने के बाद क्या वह पेंशन में स्वत: वृद्धि के अपने फैसले से पीछे हट गया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सरकार से यह भी सवाल किया था कि क्या वह पांच साल में एक बार आवधिक समीक्षा की मौजूदा नीति के स्थान पर स्वत: वार्षिक संशोधन पर विचार कर सकती है।

याचिकाकर्ता भारतीय भूतपूर्व सैनिक आंदोलन (आईईएसएम) ने 7 नवंबर, 2015 के फैसले को चुनौती दी है। इसमें दलील दी कि यह फैसला मनमाना और दुर्भावनापूर्ण है क्योंकि यह वर्ग के भीतर वर्ग बनाता है और प्रभावी रूप से एक रैंक को अलग-अलग पेंशन देता है।

सुनवाई के दौरान एएसजी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं, जिनमें कहा गया है कि संसद में मंत्रियों द्वारा दिए गए बयान कानून नहीं हैं क्योंकि वे लागू करने योग्य नहीं हैं। जहां तक ​​पेंशन में भविष्य में स्वत: वृद्धि का संबंध है, यह किसी भी प्रकार की सेवा में समझ से परे है।

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