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अर्ली बिज़नेस

इस त्योहार बादाम अखरोट डाल सकते है आपकी जेब पर असर

नई दिल्‍ली। त्योहार आते ही हमारे घरो में ख़ुशी का माहौल बन जाता है । हम तरह तरह की खरीदारी शुरू कर देते है। त्योहार खुशियाँ तो लाते हैं लेकिन साथ ही हमारी जेब पर भी असर डालते हैं। वैसे तो हमेशा ही त्योहारी सीजन में मंहगाई बढ़ जाती हैं लेकिन इस बार इस सीजन महंगाई की मार ड्राय-फ्रूट्स पर कुछ ज्यादा ही दिख रही हैं। इसका एक कारण अफगानिस्‍तान में तालिबान का हमला हैं ।

बादाम समेत दूसरे Dry Fruits के दाम Raksha Bandhan से पहले ही आसमान छूने लगे हैं। मात्र 10 दिन में इनकी कीमतों में 10 फीसद तक उछाल आया है। रुपए में देखें तो यह बढ़ोतरी 250 रुपए किलो तक है। व्‍यापारियों ने इसकी वजह अफगानिस्‍तान में तालिबान का हमला बताया है। इस कारण कारोबारी गतिविधि एकदम ठप पड़ गई है। भारत से अफगानिस्‍तान और वहां से यहां आने वाला सामान की आमद-फरोख्‍त रुकी पड़ी है।

अफगानिस्तान में तालिबान के सत्‍ता हथियाने से भारत में आयात-निर्यात व्यापार पर ठप हो गया है। अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने विशेष रूप से ड्राई फ्रूट्स (सूखे मेवे) का आयात करने वालों को चिंतित कर दिया है। व्यापारियों ने कहा कि भारत के लिए अफगानिस्तान से होने वाले निर्यात में सूखी किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट, पिस्ता और सूखी खुबानी शामिल है, जबकि ताजे फलों में खुबानी, चेरी, तरबूज शामिल हैं। इसके अलावा कुछ औषधीय जड़ी बूटियों का निर्यात भी होता है। अफगानिस्तान को भारत की ओर से किए जाने वाले निर्यात में चाय, कॉफी, काली मिर्च और कपास के अलावा खिलौने, जूते और कई अन्य उपभोग्य वस्तुएं शामिल हैं।

अफगानिस्तान से अधिकांश आयात पाकिस्तान के जरिए होता है। आयात-निर्यात शिपमेंट वर्तमान में अटके हुए हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो सकता है। दिल्ली के खारी बावली के वर्दुर हर्बल्स के विनीत सेठी ने कहा कि उनकी सूखे मेवों की खेप अटारी (पंजाब में) से आती है, लेकिन इसे डेढ़ महीने पहले ही रोक दिया गया है। इस कारण बीते 10 दिन में सूखे मेवे के रेट चढ़ने लगे हैं।

मुंबई से रामको ट्रेडर्स के चिंतित व्यापारी राजेंद्र भाटिया, जो अफगानिस्तान से सूखे मेवे आयात करते हैं, ने कहा, हम पिछले 4 दिन से उस छोर पर लोगों के संपर्क में नहीं हैं। भाटिया ने कहा कि उनकी फर्म रोड से हर हफ्ते सूखे मेवों का एक ट्रक आयात करती है और अब उसके पास इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सेठी और भाटिया की तरह, ऐसे कई व्यापारी हैं, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में कठिनाइयों का सामना किया है। पिछले दो दिनों से माल ढुलाई पूरी तरह से ठप है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने बताया कि जल्द ही, वे (तालिबान) समीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि तालिबान ने कहा है कि वे इस बात पर गौर करेंगे कि कारोबार प्रभावित न हो। निश्चित नहीं है कि यह कितने समय तक चलेगा, लेकिन अभी की तो यही स्थिति है।

8 करोड़ व्यापारियों के एक प्रमुख संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार, भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा है, जबकि 2019-20 में यह 1.52 अरब अमेरिकी डॉलर था। 2020-21 में भारत से निर्यात 82.6 करोड़ अमरीकी डालर का दर्ज किया गया है और आयात 51 करोड़ अमरीकी डॉलर का रहा है।

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