ट्रम्प ने मेक्सिको बॉर्डर पर भेजे 1500 सैनिक
अर्ली न्यूज़ नेटवर्क।
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमेशा बॉर्डर सिक्योरिटी को अपनी प्राथमिकता में रखा है. इस संबंध में उन्होंने अब उन्होंने एक देश की सरहद पर और अधिक अमेरिकी सैनिकों तो तुरंत भेजने का आदेश दिया है. यह देश अमेरिका के साथ बॉडर्र शेयर करता है. दरअसल ट्रंप ने मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर 1500 अतिरिक्त सैनिक भेजने का आदेश दिया है. यह कदम अवैध घुसपैठ और प्रवासियों के मुद्दों से निपटने के लिए उठाया गया है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बुधवार (22 जनवरी) को बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर इन सैनिकों की तैनाती की अनुमति दी है. इस फैसले के साथ मेक्सिको बॉर्डर पर एक्टिव-ड्यूटी सैनिकों की कुल संख्या बढ़कर 4000 हो जाएगी.
मेक्सिको बॉर्डर पर तैनात सैनिक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद मेक्सिको बॉर्डर पर तैनात 1500 सैनिकों में 1000 सेना के जवान और 500 मरीन शामिल हैं. इन मरीन को पहले कैलिफोर्निया की जंगल की आग बुझाने के लिए बुलाया गया था, लेकिन अब उन्हें बॉर्डर पर तैनात किया जा रहा है. बॉर्डर पर तैनात सैनिक physical barriers को बनाने में मदद करेंगे. इसके अलावा वो बॉर्डर पर निगरानी भी रखने का काम करेंगे.
कार्यवाहक रक्षा मंत्री रॉबर्ड सेल्सेस ने कहा कि ये सैनिक प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए उड़ानों में होमलैंड सुरक्षा विभाग की सहायता करेंगे. इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की थी. उन्होंने अवैध प्रवास को रोकने के लिए सीमा पर दीवार बनाने और सुरक्षा बढ़ाने का वादा किया था. यह कदम उसी नीति का हिस्सा है, जो उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति को दर्शाता है.
अवैध प्रवास और सुरक्षा
मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या ने अमेरिकी सरकार को सतर्क किया है. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम राजनीतिक रूप से विवादित रहा है. जहां उनके समर्थकों ने इसे अमेरिका की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, वहीं मानवाधिकार संगठनों ने इसे कठोर और प्रवासियों के अधिकारों का उल्लंघन बताया. मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि यह फैसला प्रवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार को बढ़ावा देता है.
अमेरिका-मेक्सिको संबंधों पर असर
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका और मेक्सिको के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ सकते हैं. ट्रंप प्रशासन के सीमा सुरक्षा उपायों को लेकर मेक्सिको ने कई बार असहमति जताई है. मेक्सिको सरकार ने इसे एकतरफा फैसला बताया है. उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर सैन्य तैनाती से मुद्दों का समाधान नहीं होगा.