अध्ययन में हुआ बड़ा खुलासा, नए बूस्टर डोज की ओमिक्रॉन के लिए नहीं है जरूरत
वाशिंगटन। कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर रोजाना नए शोध प्रकाशित होते रहते हैं. एक अन्य नए शोध में अमेरिकी सरकार के शोधकर्ताओं ने कहा है कि ओमिक्रॉन को लेकर बूस्टर डोज देने की आवश्यकता नहीं है. यह शोध बंदरों पर किया गया था. इसमें बंदरों को ओमिक्रॉन-विशिष्ट बूस्टर डोज और मॉडर्ना कोविड -19 बूस्टर डोज लगाया गया. दोनों परिणामों में कोई अधिक अंतर नहीं था. ऐसे में शोधकताओं का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए एक नए बूस्टर की जरूरत नहीं है. हालांकि, इस शोध की अभी समीक्षा की जानी बाकी है.
शोध में बंदरों को मॉडर्ना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई गई थी. उन्हें 9 महीने बाद एक ट्रेडिशनल बूस्टर और एक ओमिक्रॉन को लेकर बनाई गई नई बूस्टर डोज लगाई गई. शोधकर्ताओं ने पाया कि दोनों बूस्टर सभी वेरिएंट के खिलाफ “एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं को बेअसर करने में महत्वपूर्ण वृद्धि” का उत्पादन करते हैं. शोध का सह-नेतृत्व कर रहे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के वैक्सीन शोधकर्ता डैनियल डौक ने कहा कि यह बहुत अच्छी खबर है. इसका मतलब है कि हमें ओमिक्रॉन के लिए नया वैक्सीन तैयार करने की जरूरत नहीं है.