वापस होंगे पराली जलाने पर दर्ज मुकदमे…
लखनऊ। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार वापस लेगी फसल की पराली जलाने के कारण किसानों पर दर्ज मुकदमों को और उन पर लगा जुर्माना भी माफ होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि 2010 से बकाया रहे गन्ना मूल्य भुगतान को पूरा करने के बाद अब सरकार गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी करने जा रही है। सभी संबंधित पक्षों से विमर्श कर बहुत जल्द इस बारे में घोषणा की जाएगी।
योगी ने साफ शब्दों में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बिजली बिल बकाया होने के कारण एक भी किसान का कनेक्शन कतई न काटा जाए। साथ ही, किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि बिजली बिल बकाए पर किसान को ब्याज न देना पड़े इसके लिए ओटीएस स्कीम भी लाई जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बड़े ऐलान बुावार को मुख्यमंत्री आवास पर किसानों से संवाद के दौरान किए। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसानों से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि जब किसान का पसीना बहता है, तब फसल लहलहाती है। जाड़ा हो गर्मी हो या बरसात, किसान अपने खेत में सतत लगा रहता है। यही कारण है कि किसान को अन्नदाता कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों के एजेंडे में भले ही लंबे समय से किसान रहा हो, लेकिन कभी उनकी सुनी नहीं गई। इस लिहाज से साल 2014 ऐतिहासिक रहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई और किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया।
पश्चिमी यूपी की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले की सरकारों ने बदनीयती से चीनी मिलों को बंद करने का काम किया। किसान हताश हुए, निराश हुए। लेकिन 2017 में जब प्रदेश ने प्रधानमंत्री मोदी को मौका दिया तो चौधरी चरण सिह की भूमि रमाला हो या पिपराइच और मुंडेरवा, कहीं नई चीनी मिलें लगीं तो कहीं पुराने का जीर्णोद्घार करा कर पुन: चलाया गया। कहीं क्षमता बढ़ोतरी हुई तो कहीं आधुनिकतम तकनीक से लैस मशीनें लगाई गईं।
किसानों के साथ आकंड़े साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2007 से 2016 तक मात्र 95 हजार करोड़ गन्ना मूल्य का मूल्य भुगतान हुआ था। 2010 के बाद से 96 माह तक सब बकाया था। बीते साढ़े चार सालों में 1़ 40 हजार करोड़ का भुगतान कराया गया। आज न केवल मात्र 4 माह का बकाया है, बल्कि वर्तमान सीजन के 82 फीसदी मूल्य का भुगतान कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब एक्सपोर्ट बंद था, बावजूद इसके गन्ना खरीद जारी रही। 2016-17 में जहां 06 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था, वहीं इस साल कोरोना के बावजूद 56 लाख मीट्रिक टन रिकर्ड गेहूं की खरीद हुई। 2016 में हुई 16 लाख एमटी धान खरीद के सापेक्ष हमने बीते सत्र में 66 लाख एमटी धान खरीद की। इसमें महत्वपूर्ण यह भी कि पिछली सरकारों की खरीद आढ़तियों के मायम से होती थी, जबकि वर्तमान सरकार ने सीधे किसानों से खरीद सुनिश्चित किम डीबीटी से सीधे किसान के बैंक अकाउंट में पैसा गया।
नए पेराई सत्र के शुभारंभ की तिथि तय करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मांग पर पश्चिम क्षेत्र में 20 अक्टूबर से चीनी मिलें शुरू हो जाएंगी, जबकि मध्य क्षेत्र में 25 अक्टूबर से मिलें चलेंगी। इसी तरह, पूर्वी क्षेत्र की मिलें नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू होंगी।
किसान संवाद के दौरान मुख्यमंत्री के बड़े ऐलान :
गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी होगी। सभी संबंधित स्टेक होल्डर्स से संवाद कर निर्णय लेंगे। फसल अवशेष जलाने के कारण किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। जुर्माना वापसी पर भी जल्द होगा निर्णय। गन्ना पेराई के नए सत्र से पहले पिछला सारा भुगतान करा दिया जाएगा। बिजली बिल बकाए के कारण एक भी किसान का बिजली कनेक्शन नहीं कटेगा। किसानों के पुराने बिजली बिल बकाए पर ब्याज देय न हो, इसलिए लाएंगे ओटीएस स्कीम। पश्चिम क्षेत्र की चीनी मिलें 20 अक्टूबर से प्रारंभ होंगी। मध्य क्षेत्र की चीनी मिलें 25 अक्टूबर से चालू होंगी। पूर्व क्षेत्र की चीनी मिलों का संचालन नवंबर के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगा।