त्रिपुरा हिंसा को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई आज,ममता भी दिल्ली पहुँची ।
त्रिपुरा नगर निगम के चुनावों में हिंसा को लेकर टीएमसी (TMC) की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है. टीएमसी ने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को आदेशों को बावजूद त्रिपुरा में चुनावों को दौरान हालात खराब हो रहे हैं. बता दें कि त्रिपुरा में चुनाव को लेकर टीएमसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य प्रशासन और पुलिस को त्रिपुरा में स्वतंत्र और निष्पक्ष नगर निगम चुनाव कराने को कहा था. त्रिपुरा हिंसा को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में आज सुनवाई होगी.त्रिपुरा में चुनावों में हिंसा को लेकर गहमागहमी जारी है. तृणमूल कांग्रेस इस मामले में आर-पार के मूड में लग रही है. लिहाजा सोमवार को दिनभर बवाल मचा रहा. अब टीएमसी इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है, वहीं ममता बनर्जी सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गईं. कई टीएमसी सांसद पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं. इस मामले में वार-पलटवार का दौर जारी है.
ममता ने कहा कि त्रिपुरा में अराजकता का माहौल है. लोग खुलेआम खंजर और लाठियां लेकर घूम रहे हैं. मेरे सांसद गृह मंत्री से मिलना चाहते हैं, हालांकि मैंने उनसे गृह मंत्रालय के सामने धरना देने से मना किया. उन्होंने कहा कि मेरी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात होनी है. इस दौरान बीएसएफ के मुद्दे पर भी बात की जाएगी. ममता ने त्रिपुरा मामले को लेकर बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि त्रिपुरा में लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे में मानवाधिकार भी कहीं नजर नहीं आ रहा.
ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में जो अत्याचार हो रहा है बीजेपी शासित राज्यों में गणतंत्र कंकाल में तब्दील हो चुका है. शायनी जैसी कलाकार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, उसके खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला बना दिया गया है. उन्होंने कहा कि अभिषेक बनर्जी त्रिपुरा गए हैं, वहां अत्याचार हो रहे हैं. वहां पर इलाज तक नहीं करने दे रहे. अब ह्यूमन राइट्स कमीशन कहां गया,
तृणमूल कांग्रेस की यूथ प्रेसिडेंट शायनी घोष को त्रिपुरा पुलिस (Tripura police) ने हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया था. हालांकि शायनी घोष को जमानत भी मिल गई. तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने त्रिपुरा हिंसा और अपने कार्यकर्ताओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. इससे पहले टीएमसी नेताओं ने मुलाकात के लिए समय न मिलने पर गृह मंत्रालय के बाहर धरना दिया था.
हमला करने वालों को गिरफ्तार नहीं किया
अगरतला पहुंचे एआईटीसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने त्रिपुरा सरकार से सवाल करते हुए कहा कि शायनी ने कुछ नहीं किया. उन्होंने सिर्फ खेला होबे कहा. यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी भी बंगाल में खेला होबे बोल चुके हैं. अभिषेक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने थाने के अंदर हम पर हमला करने वालों को गिरफ्तार नहीं किया. यहां तक कि पुलिसकर्मी भी टेबल के नीचे छिप गए. अभिषेक बनर्जी ने एआईटीसी के त्रिपुरा राज्य संयोजक सुबल भौमिक के घर का दौरा किया, जिनके घर पर कल शाम हमला किया गया था.
त्रिपुरा में खेला होबे नहीं, विकास होबे चाहिए
भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि “खेला होबे का मतलब 60 से अधिक श्रमिकों की मौत, 1 लाख से अधिक श्रमिकों का पलायन, महिलाओं पर सामूहिक बलात्कार और अत्याचार है. अगर बंगाल में ‘खेला होबे’ की यही परिभाषा है तो त्रिपुरा में ‘खेला होबे’ कोई नहीं कहेगा. हमें विकास होबे चाहिए.
ये था मामला
त्रिपुरा में बीजेपी और टीएमसी में बवाल क्यों हुआ है ये जान लीजिए. 20 नवम्बर को तृणमूल कांग्रेस की यूथ प्रेसिडेंट शायनी घोष अपनी कार से गुजर रहीं थी. इस दौरान बिप्लव देव एक मीटिंग कर रहे थे, तभी बीजेपी के कार्यकर्ता ने उन पर हमला कर दिया. लेकिन इस मामले में पुलिस ने हिट एंड रन के केस में मामला दर्ज कर लिया है, शायनी के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज हो गई.
वहीं वेस्ट त्रिपुरा के एडिशनल एसपी बीजे रेड्डी ने बताया, शायनी घोष को अगरतला पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया, क्योंकि वह भाजपा कार्यकर्ताओं को मारने की कोशिश कर रही थीं. बीजेपी के ये कार्यकर्ता एक पब्लिक मीटिंग में थे. जो सबूत मिले हैं, उसके आधार पर आईपीसी की धारा 307, 153 के तहत केस दर्ज किया गया है. वहीं, इस पूरे मामले के सामने आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने ट्वीट किए हैं और बीजेपी की बिप्लव देव सरकार में निशाना साधा है. इनमे नुसरत जहां और सुष्मिता देव भी शामिल हैं.