Latest News
सी.एम.एस. में 22 नवम्बर से 54 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश व कानूनविद् पधारेंगे लखनऊरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय ने किया एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजनभूस्खलन की वजह से 80 लोगों की मौत, केरल में दो दिनों का शोक, राहुल-प्रियंका जाएंगे वायनाडबंथरा ब्राह्मण हत्या काण्ड: दिवंगत रितिक पाण्डेय के परिवार से मिलेगा ब्राह्मण प्रतिनिधि मंडलकारगिल युद्ध में भारत की विजय को आज 25 साल पूरे Early News Hindi Daily E-Paper 7 July 2024UK आम चुनाव में ऋषि सुनक की करारी हार, लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री7 जुलाई को गुजरात दौरे पर राहुल, गिरफ्तार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घर वालो से मिलेंगेEarly News Hindi Daily E-Paper 6 July 2024Early News Hindi Daily E-Paper 5 July 2024
लाइफ स्टाइल

इस दिन है संतान प्राप्ति की कामना को पूर्ण करने वाला पुत्रदा एकादशी व्रत

यह बात हम सभी जानते है कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। महादेव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान शिव आदि हैं और अंत भी। उनसे जीवन भी है और मृत्यु भी। उनकी कृपा से तो काल भी डरते हैं क्योंकि वे स्वयं महाकाल हैं। इस सावन महीने में शिव पूजा के साथ पुत्रदा एकादशी का बहुत महत्व है। जो लोग दाम्पत्य जीवन में संतान सुख से वंचित हैं, उन लोगों के लिए सावन पुत्रदा एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है। सावन पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की आराधना की जाती है और भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरुप की पूजा करते हुए संतान की कामना करते हैं।

पवित्रा व पुत्रदा एकादशी 2021 पारण

जो लोग व्रत रखेंगे, उनको व्रत का पारण अगले दिन 19 अगस्त को करना होगा। उस दिन आप प्रात: 06:32 बजे से प्रात: 08:29 बजे के बीच पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण कर सकते हैं। पारण करने के बाद ही व्रत को पूरा माना जाता है।

पवित्रा- पुत्रदा एकादशी महत्व

पौराणिक मान्यता है कि सच्चे मन से पुत्रदा एकादशी का व्रत करने और विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत के पुण्य से व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात भगवान विष्णु के धाम बैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है।

सावन पुत्रदा एकादशी पूजा मुहूर्त

हिन्दी पंचांग के अनुसार, सावन शुक्ल एकादशी तिथि 18 अगस्त को प्रात: 03:20 बजे प्रारंभ होगी और इसका समापन 18 अगस्त की देरी रात 01:05 बजे होगा।

पुत्र प्राप्ति का मंत्र

ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।

देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद इस मंत्र का जाप करें। यह भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरुप से जुड़ा मंत्र है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के समान पुत्र की कामना की गई है।

Show More
[sf id=2 layout=8]

Related Articles

Back to top button