पद्मश्री से सम्मानित होने वालों मे पाकिस्तान बना हैरत और चर्चा का विषय ।
नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द द्वारा साल 2021 के लिए 7 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 लोगों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया । सबसे हैरानी की बात तो तब सामने आई जब एक पाकिस्तानी पर बीजेपी सरकार हुई मेहरबान और इस कड़ी में मोदी सरकार ने एक पाकिस्तानी को भी पद्मश्री से नवाजा। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी को पद्मश्री अवॉर्ड मिलने पर खूब आलोचना हो रही हैं। दरअसल, पाकिस्तानी मूल के मशहूर सिंगर अदनान सामी को राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। सम्मानित होने के बाद अदनान ने अवॉर्ड के लिए भारत सरकार और लोगों के प्यार का शुक्रिया अदा किया।
हमारे साथ जो हैं उन्हे हम नागरिकता भी देंगे और पद्मश्री भी.
चाहे वह पाकिस्तान से क्यों ना हो.
अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर बधाई !!!
पाकिस्तानी मूल के अदनान सामी को अवॉर्ड मिलना कुछ लोगों को रास नहीं आया और उन्होंने ट्रोल करना शुरु कर दिया। इस कड़ी में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने ट्विटर पर चुटकी लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार उनके साथ खड़े किसी भी व्यक्ति को नागरिकता और पुरस्कार देने के लिए तैयार है.. भले ही वो व्यक्ति पाकिस्तान का ही क्यों न हो। उन्होंने ट्वीट पर लिखा- ‘जो हमारे साथ हैं उन्हें हम नागरिकता और पद्मश्री भी देंगे। भले ही वह पाकिस्तान से ही क्यों न हों। अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर बधाई।’ इस पर फिलहाल अदनान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं।
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद अदनान सामी ने सिंगर आशा भोसले को धन्यवाद देते हुए कहा- ‘मेरे पिता, मेरी मां और मेरी पत्नी रोया के अलावा, मैं अपने जीवन में मिले सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। साथ ही, मेरे साथ काम करने वाले सभी लोग, खासकर आशा भोसले, क्योंकि भारत में मेरा पहला रिकॉर्ड उनके साथ एक सॉन्ग था। उन्होंने मेरे करियर में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’ आपको बता दें कि आशा ने अदनान की पाकिस्तानी फिल्म ‘सरगम’ में आशा भोसले ने एक गाना गाया था। बाद में दोनों ने ‘कभी तो नजर मिलाओ’ के लिए एक साथ गाना गाया था। अदनान को 2016 में भारत की नागरिकता मिली थी।