आस्था और राजनीति में आकर्षण का केंद्र राम का नाम,बीजेपी और सपा में तकरार |
लखनऊ ; राम मंदिर तो बन गया परन्तु चुनावी मुद्दा राम का नाम आज भी राजनीतिज्ञों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है , उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लगभग हर राजनीतिक दल राम का नाम भुनाने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी विषय पर समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा, बीजेपी का हाल यह है कि राम राम जपना—पराया माल अपना।
भदौरिया ने कहा, प्रभु राम हमारे लिए आस्था हैं और भारतीय जनता पार्टी के लिए राजनीति का विषय। इनका प्रभु राम से कोई लेना-देना नहीं है। अगर ये लोग प्रभु राम को आराध्य मानते तो उनके बच्चों की देखभाल करते। न कि लखीमपुर खीरी में थार से लोगों को रौंदते।
अनुराग ने कहा, जब सैंया भए कोतवाल तो काहे का डर। यही इनका राम राज्य है। ऐसे रामराज की परिकल्पना देश के लोगों ने नहीं की थी। उन्होंने कहा कि, प्रभु राम की बच्चियों का चीर हरण होता रहे पर बीजेपी वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
डिबेट में मौजूद बीजेपी नेता मनोज तिवारी से पूछा गया कि क्या राम केवल आपके हैं? इस पर उन्होंने कहा, रामजी तो जन-जन के हैं लेकिन यह प्रेम तब भी दिखना चाहिए था जब प्रभु राम के मंदिर बनने की बात हो रही थी। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाया। उन्होंने कि केजरीवाल तो कहते थे कि उनकी नानी ने कहा था कि मस्जिद गिराकर मंदिर बने यह हमें स्वीकार नहीं है।