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मंदिरों से दूरी बनाए रखने वाले राजनीतिज्ञों पर योगी आदित्यनाथ का तीखा प्रहार

पूरे देश में जन्माष्टमी महोत्सव की धूम और हर्षोल्लास के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकृष्ण के जन्मस्थल पहुंचे। जहां पर उन्होंने भक्ति भाव से पूजा पाठ करने के बाद कोरोना रूपी राक्षस के संहार की प्रार्थना की तथा यहीं से उन्होंने कुछ राजनीतिज्ञों पर तंज कसे। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव समारोह में सोमवार उनकी जन्मभूमि पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वृंदावन लाल बांके बिहारी जी से कोरोना रूपी राक्षस का संहार करने की प्रार्थना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जहां सप्तपुरियों में से एक ब्रज की विरासत को संजोने विकास में कोई कमी नहीं आने देने का अपना पूर्व संकल्प दोहराया तो वहीं राजनीतिक तुष्टिकरण के लिए पहले मंदिरों से दूरी बनाए रखने वाले राजनीतिज्ञों पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने अपने सांस्कृतिक धरोहरों को पुनर्जीवित किया है। इससे ऐसा बदलाव आया है कि मंदिर जाने में संकोच करने वाले भी अब कहने लगे हैं, श्रीराम हमारे भी हैं, श्रीकृष्ण हमारे भी हैं।

रामलीला मैदान में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज बधाई देने के लिए होड़ लगी है। पहले आपके पर्व-त्योहारों में बधाई देने के लिए न तो कोई मुख्यमंत्री आता था न ही कोई मंत्री। लोग डरते थे कि उन्हें साम्प्रदायिक न मान लिया जाए। पर्व-त्योहारों में बंदिशे लगती थीं। अलर्ट जारी होता था कि रात 12 बजे बाद कोई भी कार्यक्रम नहीं करेंगे। अब तो ऐसी कोई बंदिश नहीं है, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म ही रात में 12 बजे होता है। अब तो हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाया जाता है।

इस परिवर्तन के लिए पीएम मोदी को श्रेय देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को यही नई दिशा दी है। सैकड़ों वर्षों से दबी भावनाएं, आस्था के केंद्र नए रूप में सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। इससे पहले की सरकारों में भय था कि साम्प्रदायिकता का लेवल न लग जाए। लेकिन, अब नया भारत अंगड़ाई ले रहा है। जो लोग पहले मंदिर जाने में संकोच करते थे उन लोगों में प्रभु श्रीराम श्रीकृष्ण को अपना बताने में होड़ सी लग गई है। यह है बदलते दौर का नया भारत।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच हजार वर्ष पुराने ब्रज जैसे धरोहर पर हम सभी को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। पूज्य संतों के आशीर्वाद से हम ब्रजपुरी में भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक सांस्कृतिक विकास पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं। इसी निमित्त संतों के नेतृत्व में ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। यहां के सात धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल घोषित किया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के ऐतिहासिक कुंभ के बाद ब्रज में संतों के आह्वान पर हुआ वैष्णव कुंभ भी सुव्यवस्था का नजीर बना। यह बांके बिहारी जी की कृपा ही थी कि वैष्णव कुंभ में कोरोना किसी का बाल भी बांका न कर सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना ने पिछले डेढ़ साल में देश-दुनिया मे काफी कोहराम मचाया। अपना देश प्रदेश भी प्रभावित हुआ। प्रदेश में इसकी दूसरी लहर पूरी तरह नियंत्रण में है लेकिन सावधानी सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब बांके बिहारी जी से प्रार्थना है कि जैसे उन्होंने कई राक्षसों का संहार किया, उसी तरह इस कोरोना महामारी रूपी राक्षस का संहार करें।

मथुरा में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने फिरोजाबाद दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुखद है हृदय से उनकी संवेदना उन बच्चों के परिवार के साथ है।

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