दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में चीन और रूस के लड़ाकू विमान ने जबरन किया प्रवेश ।
सियोल। रूस और चीन ने अपने लड़ाकू विमानों को दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में जबरन दाखिल करने की कोशिश की,कोरियाई प्रायद्वीप में जारी लंबे समय से चल रहे रूस और चीन के गतिरोध के बीच ये घुसपैठ करने की चाल थी,
हालांकि इसके तुरंत बाद एक्शन में आई दक्षिण कोरियाई एयरफोर्स ने अपने लड़ाकू विमानों को मोर्चे पर तैनात कर दिया। कोरियाई लड़ाकू विमानों को अपनी तरफ आता देख रूस और चीन के विमान भाग खड़े हुए। इस घटना के बाद से दक्षिण कोरिया ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी।
इस घटना को लेकर दक्षिण कोरियाई सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि दो चीनी और सात रूसी लड़ाकू विमान आज यानी शुक्रवार को बिना किसी पूर्व सूचना के दक्षिण कोरिया (South Korea) के वायु क्षेत्र घुस गए। इसका बाद जब हमने अपने लड़ाकू विमानों को घटनास्थल पर भेजा तो वे वापस लौट गए। उन्होंने बताया कि चीन और रूस के लड़ाकू विमानों ने अलग-अलग समय में दक्षिण कोरिया के सबसे पूर्वी द्वीप डोकडो के वायु क्षेत्र में प्रवेश किया था।
इस घटना को लेकर चीन के अधिकारियों ने सफाई देते हुए एक कम्यूनिकेशन चैनल के माध्यम से दक्षिण कोरियाई सेना को बताया कि उनके विमान एक नियमित अभ्यास पर थे। वहीं, दक्षिण कोरिया (outh Korea) के अधिकारियों का भी कहना है कि कोरिया के हवाई क्षेत्र में चीनी और रूसी विमानों का प्रवेश उनके संयुक्त अभ्यास का एक हिस्सा ही लग रहा है। हालांकि, हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
इधर जापान सागर में स्थित द्वीपों को लेकर चीन, जापान, रूस, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। चीन और जापान सेनकाकु द्वीप को लेकर आपस में भिड़े हुए हैं। इस द्वीप को चीन में डियाओस के नाम से जाना जाता है। अभी ये द्वीप 1972 से जापान के हाथों में है। वहीं, रूस और जापान के बीच कुरील द्वीप को लेकर तनाव है जबकि दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच भी समुद्री सीमा को लेकर विवाद है।