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पाकिस्तानियों ने भारतीय नौसेना जिंदाबाद के लगाए नारे, जान बचाने के लिए किया भारत को शुक्रिया

नई दिल्ली। पाकिस्तानी अगर भारत माता की जय और थैंक यू इंडिया के नारे लगाने लगें तो सबका चौंकना स्वाभाविक है। लेकिन हम आपको बता दें कि यह कोई मजाक नहीं बल्कि हकीकत है। दरअसल भारतीय युद्धपोत ‘आईएनएस सुमित्रा’ ने सोमालिया के पूर्वी तट पर ईरानी झंडा लगे मछली पकड़ने के जहाज पर समुद्री दस्युओं के हमले के बाद उस पर सवार चालक दल के 19 पाकिस्तानी सदस्यों को सकुशल बचा लिया जिसके बाद सारे पाकिस्तानी मिलकर भारत के पक्ष में नारेबाजी करने लगे।

आपको बता दें कि ‘आईएनएस सुमित्रा’ को अदन की खाड़ी और सोमालिया के पूर्व में समुद्री दस्यु रोधी और समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात किया गया है। इस जहाज ने मछली पकड़ने वाले ईरानी जहाज ‘इमान’ पर समुद्री डकैती का प्रयास विफल कर दिया था। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने इस बारे में बताया है कि सोमालिया के पूर्वी तट पर समुद्री दस्यु रोधी एक और सफल अभियान में ‘आईएनएस सुमित्रा’ ने मछली पकड़ने वाली नौका अल नईमी और उसके चालक दल के 19 सदस्यों को 11 सोमाली समुद्री दस्युओं से बचाया। विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘आईएनएस सुमित्रा ने कोच्चि से लगभग 850 समुद्री मील पश्चिम में दक्षिणी अरब सागर में 36 चालक दल (17 ईरानी और 19 पाकिस्तानी) के साथ अपहृत मछली पकड़ने वाले दो जहाजों को 36 घंटे से भी कम समय में त्वरित, निरंतर और अथक प्रयासों से बचाया है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने समुद्र में सभी नाविकों और जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वास्ते सभी समुद्री खतरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए क्षेत्र में एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता साबित की है।

हम आपको यह भी बता दें कि इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी सवाल पूछा गया था जिस पर उनकी प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की क्षमता, उसके अपने हित और प्रतिष्ठा के लिए जरूरी है कि वह कठिन परिस्थितियों में वास्तव में मदद करे। जयशंकर ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, मुंबई में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमारी प्रतिष्ठा के लिए यह जरूरी है कि हम वास्तव में मुश्किल घड़ी में मदद करें। जयशंकर ने लाल सागर क्षेत्र के मुद्दे पर कहा कि समुद्री डकैती के साथ-साथ मर्चेंट नेवी के पोतों पर ड्रोन हमलों की भी समस्या है। जयशंकर ने कहा, ‘‘हमें जिम्मेदार देश नहीं माना जाएगा, यदि हमारे पड़ोस में कुछ ठीक नहीं हो रहा हो और हम कहें कि हमारा इनसे कोई लेना-देना नहीं।” उन्होंने कहा कि जब आप मुसीबत में होंगे तो पड़ोसी देश भी ऐसे ही कहेंगे। जयशंकर ने कहा कि पिछले 10 साल में भारत ने एक बहुत मजबूत विमर्श विकसित किया है।

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