Breaking
Breaking Newsराष्ट्रीय

CSD बिपिन राउत ने इंडियन आर्मी को किया अलर्ट चीन और पाक के नापाक हरकतें भारत के लिए हो सकती है खतरा

NEW DELHI: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया है. तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के हालात बहुत खराब हो गए हैं. इससे भारत की चिंता भी बढ़ती नजर आ रही है. चीन पाकिस्तान की तालिबान से नजदीकी ने हालात को भारत के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है. भविष्य में यह भारत के लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं।

इसे लेकर भारत इंडियन आर्मी पूरी तरह से अलर्ट है. चीफ ऑफ डिफेंस (CDS) बिपिन रावत ने भारत की एयरफोर्स को मजबूत करने के लिए शुरू किए गए उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में ‘रॉकेट फोर्स’ तैयार करने पर विचार चल रहा है. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों उत्तरी सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये से निपटने को आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

बिपिन रावत ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को चीन का ‘प्रॉक्सी’ करार दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में ‘छद्म युद्ध’ जारी रखेगा. पाक पंजाब देश के अन्य हिस्सों में भी दिक्कतें पैदा करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने उत्तरी सीमा पर चीन के आक्रामक रुख को रेखांकित करते हुए कहा कि वह चाहे प्रत्यक्ष आक्रामकता हो या तकनीक से हो, हर स्थिति के लिए हमें तैयार रहना होगा यह तैयारी तभी हो सकती है जब हम साथ काम करेंगे.

सीडीएस ने भारत की वायु शक्ति को मजबूत बनाने पर कहा कि हम रॉकेट फोर्स तैयार करने की तरफ देख रहे हैं. हालांकि, इस योजना के बारे में उन्होंने कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है. उन्होंने अफगानिस्तान की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी ने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि तालिबान इतनी तेजी से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेगा. उन्होंने आगे कहा कि यह तो वक्त ही बताएगा कि आगे क्या होगा ।

आपको बता दें कि इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि तालिबान के कंट्रोल वाले अफगानिस्तान से अगर कोई भी संभावित आतंकवादी गतिविधि के भारत की तरफ को होती है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा. बिपिन रावत ने यह भी सुझाव दिया कि ‘क्वाड राष्ट्रों’ को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में सहयोग बढ़ाना दुनियाभर के लिए अच्छा है. दरअसल, सीडीएस बिपिन रावत का यह बयान ऐसे समय जब आशंका जताई जा रही है कि तालिबानी नियंत्रण वाले अफगानिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठनों की गतिविधियां बढ़ सकती हैं.

Related Articles

Back to top button