सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक, आज से नर्सरी से ऊपर तक खुले स्कूल।
नई दिल्ली : पिछले लग भग दो साल से देश भर के स्कुल बंद थे जो अब एक नवम्बर से खुल गए है. दिल्ली में COVID के मामलों में कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक, एक वक्त में एक क्लास में 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे उपस्थित नहीं होंगे.साथ ही ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन क्लासेज भी चालू रहेंगी.स्कूलों को फिर से खोलने के लिए डीडीएमए द्वारा घोषित दिशानिर्देशों में प्रति कक्षा केवल 50 प्रतिशत छात्रों को अनुमति देना, अनिवार्य थर्मल स्क्रीनिंग, लंच ब्रेक, बैठने की वैकल्पिक व्यवस्था और आगंतुकों को बार-बार स्कूल में आने की मनाही शामिल है. डीडीएमए ने कहा है कि कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्र में रहने वाले छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को स्कूलों और कॉलेजों में आने की अनुमति नहीं होगी. सभी कर्मचारियों को जल्द से जल्द पूरी तरह से टीका लगाया जाना चाहिए. करीब 98 फीसदी शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारी टीके की कम से कम एक खुराक ले चुके हैं. महामारी के बाद से ऐसा पहली बार है जब 8वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूलों को दोबारा खोला जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर स्कूलों की सभी कक्षाएं आज से खुल रही हैं जबकि कुछ स्कूलों ने त्योहार के बाद क्लासेस शुरू करने का फैसला किया है.
दिल्ली में आज से नर्सरी और उससे ऊपर के छात्रों के लिए स्कूल खुल गए हैं. इसके लिए स्कूलों को सैनिटाइज किया गया है. बाक़ी तैयारियां भी पूरी की गई हैं. राजधानी में कोरोना के हालात नियंत्रण में हैं. रोज़ाना के नए मामले 50 से भी कम हैं.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि एक नवंबर से स्कूलों की सभी कक्षाएं खुलेंगी, भले ही पठन-पाठन मिश्रित मोड में जारी रहेगा. डीडीएमए ने यह भी कहा था कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक समय में एक कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति न हो और किसी भी छात्र को ऑफलाइन क्लास में भाग लेने के लिए मजबूर न किया जाए.
सितंबर में नौवीं से 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले गये थे, और तब से सरकारी स्कूलों में 80 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति दर्ज की जा रही है, निजी स्कूल माता-पिता को सहमति फॉर्म भेजने की प्रक्रिया में हैं और उनमें से अधिकतर दिवाली के बाद अपनी कार्य योजना तय करेंगे.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षाएं ‘हाइब्रिड’ तरीके से संचालित हों, जिसका मतलब है कि ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी. उन्होंने कहा कि स्कूलों के बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई का खासा नुकसान हुआ है. महामारी की तीसरी लहर की आशंका के सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि अगर हालात बिगड़ते हैं तो कभी भी स्कूलों को वापस ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने को कहा जा सकता है, जो कि हालात पर निर्भर करेगा.