Latest News
Newsअर्ली बिज़नेसउत्तर प्रदेश

धान बिक्री की समस्या का कोई समाधान न होने से किसान परेशान चल रहे तीन रेट |

उत्तर प्रदेश : ‘कन्नौज किसानो की समस्या का समाधान न हो पाने के कारण और सरकार की ओर से कोई सहयोग न होने की वजह से दर दर भटक रहा किसान , धान की फसल बेचना एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है |
बेमौसम बारिश के बाद मुश्किलाें में धान की फसल तैयार करने वाले किसानों को अब बेचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। इस समय धान के तीन भाव हैं। मंडी में आढ़ती नगद में 1000 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं। दो से तीन महीने पैसे का इंतजार करने वालाें को राइस मिलर्स 1200 से 1400 रुपये का भाव दे रहे हैं। सरकारी धान क्रय केंद्रों पर 1940 रुपये प्रति क्विंटल भाव है। किसानों का कहना है कि सरकारी केंद्रों पर धान रिजेक्ट कर दिया जाता है। इसका फायदा आढ़ती और राइस मिलर्स उठा रहे हैं।

इस बार बेमौसम बारिश से धान की फसल बर्बाद हो गई। ज्यादातर किसानों का धान सरकारी क्रय केंद्र के मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है। इससे किसान मंडी में आढ़तियों के पास बिक्री को तवज्जो दे रहे हैं। यह 1100 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं। मोरैया गांव के घनश्याम ने बताया कि सरकारी केंद्र पर धान रिजेक्ट कर दिया गया। इससे वह आढ़ती के यहां पहुंचे। आढ़ती ने कहा कि धान काला हो गया है। मोलभाव करने पर 1100 रुपये प्रति क्विंटल में सौदा तय हुआ।

वहीं बहादुरपुर्वा के किसान राजू ने बताया कि उन्हें रुपयों की जरूरत है। उनका धान 1200 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा गया। वहीं राइस मिलर्स 1200 से 1400 रुपये प्रति क्विंटल भाव दे रहे हैं। आढ़ती ने बताया कि किसान कंबाइन मशीन से काटने के बाद फसल लेकर आ रहे हैं। धान सूखने पर 5 से 8 किलो प्रति क्विंटल वजन कम हो जाता है। इससे किसानों को भाव कम दिए जा रहे हैं।

Show More
[sf id=2 layout=8]

Related Articles

Back to top button