Breaking
महाराष्ट्र,जलगाँव ट्रेन हादसा- पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफ़वाह के बाद 6,7 लोगों की कूदने से मौतप्रयागराज महाकुंभ 2025: कैबिनेट बैठक में सीएम योगी ने किए ये ऐलान, 3 जिलों में मेडिकल कॉलेज की घोषणाएस जयशंकर की अमेरिका में बड़ी बैठक, चीन को दे दिया सख्त संदेशचैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में इंडिया की जर्सी पर नहीं होगा पाकिस्तान का नाम, जाने आईसीसी की प्रतिक्रियाEarly News Hindi Daily E-Paper 21 January 2025डोनाल्ड ट्रम्प ने ली अमेरिका 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ,बोले मेरी नीतिअमेरिका फर्स्ट ही रहेगीसदन कार्यवाही का स्वायत्त मालिक, अध्यक्ष उसका सर्वोच्च निर्णयकर्ता: सतीश महानाकब होगा ट्रम्प का शपथ समारोह शुरू? जानेअलकादिर ट्रस्ट मामला:इमरान ख़ान को 14 साल और उनकी पत्नी बुशरा को 7 वर्ष की जेलअभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हमला, लीलावती अस्पताल में भर्ती
राष्ट्रीय

आंदोलन कर रहे किसानों को सुप्रीम कोर्ट का करारा जवाब, जानें यहां

Delhi: आंदोलन कर रहे किसानों के लिए सुप्रीम कोर्ट का करारा जवाब है उन्होंने कहा है विरोध कर सकते हैं लेकिन ट्रैफिक को नहीं रोक सकते. हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर किसान संगठन धरने पर बैठे हैं जिसकी वजह से कई जगह रोड को बंद या डायवर्ट भी करना पड़ा है.अब इस मामले पर दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालने को कहा है.

 

नोएडा के एक निवासी ने सड़क जाम होने से आने वाली दिक्कत के बाद किसान आंदोलन के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हमने राज्य सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र देखा है, आप समाधान क्यों नहीं कर सकते, उनके पास विरोध करने का अधिकार है लेकिन ट्रैफिक को बाधित नहीं किया जा सकता.अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द ही इस मामले का कोई हल निकालना होगा. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की गैरमौजूदगी के चलते आज इस मामले की सुनवाई टाल दी गई है और अब 20 सितंबर को अगली सुनवाई होगी. कोर्ट में किसान आंदोलन के चलते बंद नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली रोड को खुलवाने के लिए याचिका दायर की गई थी. किसान यहां गाजीपुर बॉर्डर के पास धरने पर बैठे हुए हैं.

 

याचिका में कहा गया है कि किसान आंदोलन की वजह से बंद सड़क अब परेशानियों का सबब बन चुकी है. नोएडा से दिल्ली पहुंचने के लिए जिस रास्ते पर आधे घंटे का वक्त लगता था अब उसमें दो घंटे लग जाते हैं. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार और किसान दोनों पक्षों से समाधान खोजने की अपील की है, साथ ही कहा कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन वह कहीं और भी धरने पर बैठ सकते हैं ताकि आम लोगों को परेशानी न हो सके.

Related Articles

Back to top button