Breaking
Axiom 4 Space Mission: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवानाकहीं ये वर्ल्ड वॉर की दस्तक तो नहीं? ईरान ने किया अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला११वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का एस.एम.एस में आयोजनअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एकेटीयू ने सूर्य नमस्कार का बनाया रिकॉर्डएसआरएमयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजनअहमदाबाद प्लेन क्रैश: लंदन जाता प्लेन उड़ते ही हॉस्टल पर जा गिरा, 242 की मौतफिर से टल गया लखनऊ के शुभांशु शुक्‍ला का स्पेस मिशन मिशन, Axiom-4 में आई तकनीकी खराबीजीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़, 11 की मौत18 साल के इंतजार के बाद आरसीबी ने थामी ट्रॉफी, पहली बार जीता आईपीएल का खिताबSMS में मंथन ”कार्यक्रम के अन्तर्गत अनलीश योर बेस्ट सेल्फ शीर्षक पर व्याख्यान आयोजित
राष्ट्रीय

दलितों के लोकप्रिय नेता और बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर विशेष

90 का वह दौर भी लोगों को याद है जब उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद 'मिले मुलायम कांशीराम, हवा उड़ गए जयश्री राम, बाकी राम झूठे राम असली राम कांशीराम' नारे ने राजनीति के समीकरण उलट पलट दिए थे।

लखनऊ। आज दलितों के लोकप्रिय नेता और बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती मनाई जा रही है। पंजाब के रोपड़ जिले में 15 मार्च, 1934 को जन्मे कांशीराम ने दलित राजनीति की शुरुआत बामसेफ नाम से की।  90 का वह दौर भी लोगों को याद है जब उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा उड़ गए जयश्री राम, बाकी राम झूठे राम असली राम कांशीराम‘ नारे ने राजनीति के समीकरण उलट पलट दिए थे।

समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के गृह जिले इटावा के लोगों ने कांशीराम को एक ऐसा मुकाम हासिल कराया जिसकी कांशीराम को अरसे से तलाश थी। कहा जाता है कि 1991 के चुनाव में इटावा मे जबरदस्त हिंसा के बाद चुनाव को दुबारा कराया गया था, तब बसपा सुप्रीमो कांशीराम मैदान में उतरे। मुलायम ने वक्त की नब्ज को समझते हुए कांशीराम की मदद की। 1991 में हुए लोकसभा के उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी कांशीराम समेत कुल 48 प्रत्याशी मैदान में थे। चुनाव में कांशीराम को एक लाख 44 हजार 290 मत मिले और भाजपा प्रत्याशी लाल सिंह वर्मा को एक लाख 21 हजार 824 मत मिले। मुलायम सिंह की जनता पार्टी से लड़े रामसिंह शाक्य को मात्र 82624 मत ही मिले थे।

नारे ने बनाया था राजनैतिक माहौल 
सन 1992 मे मैनपुरी में हुई एक सभा मे जब बोलने के लिए वे मंच पर आए तो अचानक यह नारा उन्होंने लगाया जो बाद में पूरे देश मे गूंजा। आपको बता दें कि कांशीराम मुलायम सिंह के बीच हुए समझौते के तहत कांशीराम ने अपने लोगों से ऊपर का वोट हाथी और नीचे का वोट हलधर किसान चिह्न के सामने देने के लिए कह दिया था। विवादित ढांचा टूट चुका था, ऐसे मे इस नारे ने काफी कुछ राजनैतिक माहौल बना दिया था। खादिम की माने तो कांशीराम ने अपने शर्तो के अनुरूप मुलायम सिंह यादव से खुद की पार्टी यानि समाजवादी पार्टी गठन करवाया और तालमेल किया।

कांशीराम ने एक साक्षात्कार में कहा था कि यदि मुलायम सिंह से वे हाथ मिला लें तो उत्तर प्रदेश से सभी दलों का सूपड़ा साफ हो जाएगा। मुलायम को उन्होंने केवल इसीलिए चुना क्योंकि वही बहुजन समाज के मिशन का हिस्सा था। इसी इंटरव्यू को पढ़ने के बाद मुलायम सिंह यादव दिल्ली में कांशीराम से मिलने उनके निवास पर गए थे। उस मुलाक़ात में कांशीराम ने नए समीकरण के लिए मुलायम सिंह को पहले अपनी पार्टी बनाने की सलाह दी और 1992 में मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी का गठन किया।

Related Articles

Back to top button