Breaking
Axiom 4 Space Mission: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवानाकहीं ये वर्ल्ड वॉर की दस्तक तो नहीं? ईरान ने किया अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला११वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का एस.एम.एस में आयोजनअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एकेटीयू ने सूर्य नमस्कार का बनाया रिकॉर्डएसआरएमयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजनअहमदाबाद प्लेन क्रैश: लंदन जाता प्लेन उड़ते ही हॉस्टल पर जा गिरा, 242 की मौतफिर से टल गया लखनऊ के शुभांशु शुक्‍ला का स्पेस मिशन मिशन, Axiom-4 में आई तकनीकी खराबीजीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़, 11 की मौत18 साल के इंतजार के बाद आरसीबी ने थामी ट्रॉफी, पहली बार जीता आईपीएल का खिताबSMS में मंथन ”कार्यक्रम के अन्तर्गत अनलीश योर बेस्ट सेल्फ शीर्षक पर व्याख्यान आयोजित
राष्ट्रीय

टोल प्लाजा हो रहे हैं बंद, अब यहां से देना होगा टैक्स

नागपुर: टोल से बचकर निकलने वाले अब किसी हालत में नहीं छुपा सकते टैक्स. ये जितनी दूरी तक हाईवे का उपयोंग करेंगे उन्हें उतरा ही टोल अदा करना होगा. नए प्रस्तावित जीपीएस बेस्ड टोलिंग सिस्टम में ऐसी ही व्यवस्था रहेगी. फिलहाल ये सिस्टम प्रायोगिक तत्व पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर क्रियान्वित है.

सूत्रों के अनुसार नागपुर शहर में भी शहर के चारों ओर शहर सीमा के शुरूआती हिस्सों पर गेंट्री लगाई जाएगी. टोल प्लाजा के बजाय संशोधित डिजाइन के साथ इन्हें तैयार किया जाएगा. इनमें कैनोपी नहीं होगा. नया सिस्टम लागू होने के बाद टोल प्लाजा पर कोई कर्मचारी नजर नहीं आएगा.

इसके अलावा टोल प्लाजा से कैश ले जाने के लिए कोई सिक्योरिटी वैन भी दिखाई नहीं देगी. एनएचएआई के नागपुर रीजन के अंतर्गत 27 टोल हैं. अब पहले की तरह कहीं कोई टोल प्लाजा नहीं बनाए जाएंगे. नए सिस्टम से टोल नाकों पर होने वाली आर्थिक अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी.

यहां ठेकेदार और उसके कर्मचारियों का कोंई काम ही नहीं रहेगा. सारी रकम डिजिटली ट्रांसफर होंने के बाद एनपीसी के जरिए ठेकेदारों कों उनके खाते में उनका हिस्सा चला जाएगा.

टोल फीस के लिए ऐसे काम करेगा सिस्टम

वाहनों में लगे फास्टैग कार्ड के जरिए ही जीपीएस बेस्ड टोलिंग होगी. किसी चौपहिया वाहन के हाईवे पर आते ही सिस्टम उसके को-ऑडिनेट्स (सटीक स्थिति) पकड़ लेगा और वाहन जितनी दूरी तक हाईवे पर चलेगा, उसके फास्टैग अकाउंट से संबंधित मार्ग की टोल की दरों के हिसाब से टोल की रकम का डिजीटली भुगतान हो जाएगा.

 

बताया जा रहा है कि इस सिस्टम में ये चार्ज एक से दो रुपए प्रति किलोमीटर तक हो सकता है. इस संबंध जब एनएचएआई के नागपुर क्षेत्रीय अधिकारी राजीव अग्रवाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विदर्भ में 98 फीसदी वाहनों में फास्टैग लग चुका है.

 

जीपीएस बेस्ड टोंलिंग नीतिगत मसला है. इस कारण इस विषय में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है. मुख्यालय से जैसे निर्देश प्राप्त होंगे उस आधार पर कार्य किया जाएगा.

Related Articles

Back to top button