Breaking
Early News Hindi Daily E-Paper 11 September 2025केपी शर्मा ओली के इस्तीफ़े के बाद अब कौन बनेगा नेपाल का प्रधानमंत्री? रेस में है चार नामहिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, लैंडस्लाइड में 6 शव हुए बरामदट्रंप के पास टैरिफ लगाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं: अमेरिकी अदालतट्रंप के सलाहकार का भारत पर बड़ा आरोप, कहा “भारत जो कर रहा है, उससे अमेरिका में हर कोई नुकसान उठा रहा है।”ट्रम्प के द्वारा लगाया गया अतिरिक्त 25% टैरिफ हुआ लागूहिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने आज उत्तर प्रदेश विधानसभा का किया भ्रमणअमेरिका की धमकियों के बावजूद रूस से तेल व्यापार जारी रखेगा भारतओवल टेस्ट में टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत, सीरीज 2-2 से बराबरट्रंप ने लगाया भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ, कहा टैरिफ अमेरिका को फिर से महान और समृद्ध बना रहा
राष्ट्रीयस्पोर्ट्स

परंपरागत एशियाई हॉकी का दबदबा कायम करने वाले मेजर ध्यानचंद का आज है जन्मदिन

मेजर ध्यानचंद का नाम आते ही भारतीय हॉकी के उस स्वर्णिम युग की याद आ जाती है जब ओलंपिक खेलों की हॉकी स्पर्धा में परंपरागत एशियाई हॉकी का दबदबा कायम था. मेजर ध्यानचंद उन लोगों में थे जिन्होंने अपने क्षेत्र में इतनी महारत हासिल की कि उनका नाम इतिहास के पन्नों में सदा के लिए दर्ज हो गया. उन्होंने अपने खेल से भारत को ओलंपिक खेलों की हॉकी स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता दिलाने के साथ ही परंपरागत एशियाई हॉकी का दबदबा कायम किया. विपक्षी खिलाड़ियों के कब्जे से गेंद छीनकर बिजली की तेजी से दौड़ने वाले ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था. उनके जन्मदिन को देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

 

मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है. 29 अगस्त का दिन उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. उन्हें हॉकी के सबसे महान खिलाड़ी के तौर पर याद किया जाता है. उनको हॉकी का जादूगर कहने के पीछे का कारण उनका मैदान पर प्रदर्शन है. उन्होंने साल 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते. ماهي لعبة الروليت

 

ध्यानचंद ने अपने करियर में 400 से अधिक गोल किए. भारत सरकार ने ध्यानचंद को 1956 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया. لعبت روليت इसलिए उनके जन्मदिन यानी 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है.

 

साल 1928 में पहली बार ओलंपिक खेलने गए ध्यानचंद ने अपनी हॉकी का ऐसा जादू दिखाया कि मानो विरोधी टीमें उन्हें मैदान पर देखकर ही डरने लगीं. 1928 में नीदरलैंड्स में खेले गए ओलंपिक में ध्यानचंद ने 5 मैच में सबसे ज्यादा 14 गोल किए और भारत को गोल्ड मेडल जिताया. العاب اون لاين इस जीत के बाद बोम्बे हार्बर में हजारों लोगों ने टीम का जोरदार स्वागत किया.

 

ध्यानचंद हॉकी में माहिर माने जाते थे, उनके गोल करने की कला से सभी चकित थे. इसके लिए उनकी हॉकी स्टिक को ही तोड़ कर जांचा गया. नीदरलैंड्स में ध्यानचंद की हॉकी स्टिक तोड़कर यह चेक किया गया था कि कहीं इसमें चुंबक तो नहीं लगी है.

Related Articles

Back to top button