यूपी को-ऑपरेटिव बैंक में 146 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में दो गिरफ्तार
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड (यूपीसीबी) लखनऊ से 146 करोड़ रुपये के फ्रॉड में साइबर क्राइम पुलिस ने गुरुवार को दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इनमें रिटायर बैंक कर्मी आरएस दुबे और सागर सोलर प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म के मालिक सुखसागर सिंह चौहान शामिल हैं। दोनों ने साइबर अपराधियों के साथ षड्यंत्र कर के यह योजना बनाई थी, लेकिन साइबर क्राइम पुलिस की तत्परता से फ्रॉड की रकम खातों में स्थानान्तरित नहीं हो पाई।
गिरफ्तार अभियुक्त आरएस दुबे लखनऊ में इंदिरा नगर के सेक्टर 11 तथा सुखसागर सिंह चौहान गोमती नगर के विराम खंड का रहने वाला है। दोनों से पूछताछ और तकनीकी साक्ष्यों से पता चला कि साइबर अपराधियों द्वारा बैंक के रिटायर कर्मचारी एवं अन्य बड़े फर्मों के खातों से साठगांठ करके लगातार बड़ी मात्रा में धनराशि बैंक से स्थानान्तरित करने की योजना बनाई गई थी। इसको अमल लाते हुए अभियुक्तों द्वारा लगातार बैंकों की रेकी की जा रही थी।
साइबर क्राइम पुलिस ने बैंक के अधिकारियों से संपर्क करके लाभार्थी खातों से संबंधित बैंकों को मेल भेजकर फ्रॉड की गई संपूर्ण धनराशि 146 करोड़ के ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी थी तथा बेनीफिशयरी खातों को डेबिट फ्रीज करा दिया था। खातों की जांच तथा विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ के माध्यम से तकनीकी साक्ष्य जुटाने पर अभियुक्तों की भूमिका सामने आई। इसमें सागर सोलर प्राइवेट लिमिटेड फर्म के मालिक सुखसागर चौहान व उसके भाई गंगा सागर सिंह चौहान के खातों में धन स्थानान्तरित कराया गया।
ऐसे लोगों को गैंग में शामिल किया गया था, जिनकी बैंकों तक पहुंच सुगम हो। इस योजना के तहत ही अपराधियों ने अपने साथ पूर्व बैंककर्मी आरएस दुबे को अपने गैंग में मिला लिया था और काम के अनुसार शेयर तय किया गया था। हैकर, खाताधारकों एवं अपराध में मदद करने वाले सभी सदस्यों के बीच धन का बंटवारा होना था। आरएस दुबे द्वारा हैकरों से साठगांठ कर उन्हें बैंक की रेकी कराई गई तथा बैंक के संवेदनशील स्थल कंप्यूटर कैश पर ले जाया गया। अवसर मिलने पर बैंक के गोपनीय डाटा आईडी पासवर्ड की चोरी करते हुए कूटरचना के माध्यम से अनधिकृत रूप से सहकारी बैंक मुख्यालय हजरतगंज से पूर्व चिह्नित विभिन्न बैंक खातों में धन स्थानान्तरित किया गया, जिसे साइबर क्राइम पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए रोक लगा दिया।
यूपीसीबी के कृषियेत्तर ऋण अनुभाग में खुले जिला सहकारी बैंकों के खातों से लेन-देन के माध्यम से अनुभाग में तैनात कर्मचारियों की सीबीएस आईडी से अनधिकृत रूप से 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। यह धनराशि अन्य बैंकों आईसीआईसीआई एवं एचडीएफसी बैंक लखनऊ के खाताधारकों के खातों में आरटीजीएस के माध्यम से भेजी गई थी। इस मामले में बैंक के सहायक महाप्रबंधक अजय कुमार त्रिपाठी की तरफ से साइबर क्राइम थाना लखनऊ में धारा-419, 420, 452, 467, 468, 471 व 120 बी के अलावा आईटी एक्ट की धारा-43, 66 व 66 सी के तहत रिटायर बैंककर्मी आरएस दुबे एवं अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामला गंभीर होने की वजह से एडीजी साइबर क्राइम सुभाष चंद्र के निर्देश पर डीआईजी एन. कोलांची व एसपी डॉ. त्रिवेणी सिंह, एएसपी सच्चिदानंद सिंह व डीएसपी शाहिदा नसरीन जांच की स्वयं निगरानी कर रहे थीं। सीओ साइबर क्राइम लखनऊ अल्पना घोष व साइबर क्राइम थाना लखनऊ के इंस्पेक्टर अजीत कुमार यादव के नेतृत्व में गठित टीम ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।