Latest News
अंतर्राष्ट्रीय

यूक्रेन संकट हल के पुतिन सुझाव का चीन ने किया समर्थन

मास्को। यूक्रेन संकट के बीच बुधवार को रूस (Russia) और चीन (China) ने वर्चुअली समिट की. बैठक के बाद रूस ने बयान जारी कर कहा कि इस संकट पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने उसके स्टैंड का समर्थन किया है. रूस का कहना है कि नाटो को अपने खेमे में यूक्रेन (Ukraine) को शामिल करने का प्रयास बंद करना चाहिए और इसके लिए उसे रूस को सुरक्षा गारंटी देनी चाहिए.

पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि बुधवार को राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वर्चुअली समिट हुई. इस समिट में पुतिन ने चिनफिंग को बताया कि अमेरिका और नाटो से रूस (Russia) के राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा बढ़ा है. नाटो लगातार अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को रूसी सीमाओं के करीब ला रहा है.

उशाकोव के मुताबिक पुतिन ने बैठक में इस बात पर बल दिया कि नाटो और अमेरिका को कानूनी रूप से बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी पर रूस के साथ बात करनी चाहिए. बैठक में शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने कहा, ‘वह रूस की चिंताओं को समझते हैं और रूस के लिए इन सुरक्षा गारंटी को पूरा करने के लिए हमारी पहल का पूरा समर्थन करते हैं.’

यूरी उशाकोव ने कहा कि रूस के प्रस्तावों के बारे में यूरोपीय और यूरेशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री केरेन डोनफ्रिड को अवगत करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि डोनफ्रिड ने बुधवार को मास्को का दौरा किया और रूस (Russia) के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव से मुलाकात की.

व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) और शी जिनपिंग की बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब यूक्रेन की सीमा के पास सेना के जमावड़े को लेकर रूस पश्चिमी देशों के साथ तनाव का सामना कर रहा है. रूस ने यूक्रेन के बॉर्डर पर भारी हथियारों के साथ करीब एक लाख सैनिक तैनात किए हुए हैं. उसके संभावित हमले को देखते हुए पश्चिमी देश राजनयिक प्रयासों के जरिए अटैक को रोकने में लगे हुए हैं. हालांकि इन सबके बीच रूस ने अपने पड़ोसी पर हमला करने की योजना से इनकार किया है.

रूसी राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों से इस बात की गारंटी मांगी है कि वह यूक्रेन (Ukraine) को अपने खेमे में शामिल नहीं करेगा और वहां पर अपने सैनिकों या हथियारों की तैनाती नहीं करेगा. उसकी इस मांग पर पश्चिमी देशों ने कोई जवाब नहीं दिया है और रूस से अपनी सेनाओं को बॉर्डर से पीछे हटाने का आग्रह किया है.

हाल के वर्षों में अमेरिकी खेमेबंदी का मुकाबला करने के लिए रूस (Russia) और चीन (China) ने आपसी सहयोग को गहरा किया है. दोनों ही देशों को अपनी आंतरिक नीतियों को लेकर कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है.

चीन (China) को जहां अल्पसंख्यकों, विशेषकर शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ दुर्व्यवहार और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों पर की गई कार्रवाइयों के लिए प्रतिबंध झेलने पड़ रहे हैं. ताइवान पर हमले की धमकी को देखते हुए भी अमेरिकी खेमे के देश उसके खिलाफ खड़े हैं. वहीं रूस (Russia) को यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा करने और विपक्षी नेता एलेक्सी नेवलेनी को जहर देने व कारावास में रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है.

Show More
[sf id=2 layout=8]

Related Articles

Back to top button