Breaking
अंतर्राष्ट्रीय

कोरोना का नया स्ट्रेन अब वैक्सीन को भी मात दे रहा है, वैज्ञानिकों ने इस बात को लेकर चेताया

नई दिल्ली। कोरोना वायरस का C.37 स्ट्रेन जिसे  लैम्ब्डा वैरिएंट (Lambda variant) भी कहा जा रहा है, तेजी से फैल रहा है और पेरू में करीब 80 प्रतिशत संक्रमण के मामले इसी स्ट्रेन के हैं. कोरोना का ये वैरिएंट पिछले एक महीने में 27 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. لعب روليت

वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंता में हैं कि कोविड-19 का ये स्ट्रेन हो सकता है ​कि वैक्सीनेशन को लेकर इम्यून हो और इस पर वैक्सीन का कोई असर न हो. ये स्ट्रेन पेरू में तबाही मचा रहा है और मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

C.37 स्ट्रेन जिसे लैम्ब्डा वैरिएंट (Lambda variant) नाम दिया गया है. موقع المراهنات العالمي इसका सबसे पहला मामला दिसम्बर 2020 में पेरू में सामने आया था. तब कोरोना के कुल नए मामलों में इस वैरिएंट से संक्रमित केसेज की संख्या करीब 1 प्रतिशत थी.

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब पेरू में 80 प्रतिशत नए मामले इसी वैरिएंट के हैं और यह 27 से ज्यादा देशों में फैल चुका है.

सैंटियागो की यूनिवर्सिटी और चिली ने लैम्ब्डा स्ट्रेन के प्रभाव को उन वर्कर्स पर देखा, जिन्हें चीन की कोरोना वैक्सीन कोरोनावैक की दो डोज लग चुकी ​थी. इस रिसर्च के नतीजों के मुताबिक, लैम्ब्डा वैरिएंट गामा और अल्फा से ज्यादा संक्रामक है और इस पर वैक्सीन लेने के बाद बनी एंटीबॉडीज का कोई असर नहीं होता.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस स्ट्रेन में कई तरह के बदलाव आए हैं जिसकी वजह से ये ज्यादा संक्रमक हो गया है और एंटीबॉडीज का भी इस पर असर नहीं हो रहा.

ह्यूमन सेल्स को संक्रमित करने वाले लैम्ब्डा वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में सात म्यूटेशंस का एक खास पैटर्न होता है. वैज्ञानिकों ने कहा कि इसकी वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के मामले भी बढ़े हैं. لعبت بوكر

Related Articles

Back to top button