पद्मश्री से सम्मानित अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाने वाली महिला के चर्चे हर सू ।
नई दिल्ली : पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री. इन पुरस्कारों की घोषणा के साथ ही नाम और काम सब कुछ सामने आ ही जाता है, वेसे तो देर से ही सही मगर अच्छे कर्मों की चर्चा होती जरूर है,ऐसे ही चर्चा मे आई तुलसी गौड़ा, देश में ऐसे कई लोग हैं, जो गुमनामी में रहकर भी नि:स्वार्थ भाव से अपना पूरा जीवन दूसरों की सेवा में लगा देते हैं. ऐसे लोग देश के सर्वोच्च सम्मान देने के समय ही हमारे सामने आते हैं.कर्नाटक की पर्यावरणविद तुलसी गौड़ा (Tulsi Gowda) उनमें से ही एक हैं. उन्हें ‘जंगल की इनसाइक्लोपीडिया’ (Encyclopedia of forests) नाम से भी जाना जाता है. सोमवार को उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. तुलसी गौड़ा की सादगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब वे यह सम्मान लेने पहुंचीं, तो उनके बदन पर पारंपरिक पोशाक थी और पांव नंगे थे.
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर जहां तुलसी गौड़ा के कामों की जमकर सराहना की जा रही है. वहीं, दूसरी ओर उनकी एक और तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह हाथ जोड़कर उनका अभिवादन करते हुए नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर को देखने के बाद ज्यादातर यूजर्स ने इसे ‘फोटो ऑफ द डे’ बताया है.
बता दें कि हलक्की ट्राइबल्स से संबंधित तुलसी गौड़ा कर्नाटक के होन्नाली गांव की रहने वाली हैं. बीते छह दशकों से अधिक समय तक उन्होंने पर्यावरण के लिए काम किया है. उन्हें पौधों व जड़ी-बूटियों की अलग-अलग प्रजातियों के अथाह ज्ञान के लिए ‘जंगल की इनसाइक्लोपीडिया’ के रूप में भी जाना जाता है. बता दें कि तुलसी गौड़ा अब तक 30,000 से भी ज्यादा पौधे लगा चुकी हैं. इसके अलावा वन विभाग की नर्सरी की देखभाल भी करती हैं.
उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं. पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री. इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है. पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्मश्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है. 2021 के लिए 102 लोगों को पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.