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जाने! कहां से शुरू हुई रक्षाबंधन त्योहार की शुरुआत

BHAKTI: पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा गया है कि मां लक्ष्मी ने सबसे पहले अपने भाई को राखी बांधी थी उसी के उपलक्ष में यह रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार जब राजा बलि ने अश्वमेध यज्ञ करवाया था तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग धरती दान में मांग ली थी. राजा ने तीन पग धरती देने के लिए हां बोल दिया था. राजा के हां बोलते ही भगवान विष्णु ने आकार बढ़ा कर लिया है तीन पग में ही पूरी धरती नाप ली है राजा बलि को रहने के लिए पाताल लोक दे दिया.तब राजा बलि ने भगवान विष्णु से एक वरदान मांगा कि भगवन मैं जब भी देखूं तो सिर्फ आपको ही देखूं. सोते जागते हर क्षण मैं आपको ही देखना चाहता हूं. भगवान ने राजा बलि को ये वरदान दे दिया राजा के साथ पाताल लोक में ही रहने लगे. भगवान विष्णु के राजा के साथ रहने की वजह से माता लक्ष्मी चिंतित हो गईं नारद जी को सारी बात बताई. तब नारद जी ने माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु को वापस लाने का उपाय बताया. नारद जी ने माता लक्ष्मी से कहा कि आप राजा बलि को अपना भाई बना लिजिए भगवान विष्णु को मांग लिजिए.नारद जी की बात सुनकर माता लक्ष्मी राजा बलि के पास भेष बदलकर गईं उनके पास जाते ही रोने लगीं. राजा बलि ने जब माता लक्ष्मी से रोने का कारण पूछा तो मां ने कहा कि उनका कोई भाई नहीं है इसलिए वो रो रही हैं. राजा ने मां की बात सुनकर कहा कि आज से मैं आपका भाई हूं. माता लक्ष्मी ने तब राजा बलि को राखी बांधी उनके भगवान विष्णु को मांग लिया है. ऐसा माना जाता है कि तभी से भाई- बहन का यह पावन पर्व मनाया जाता है.

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