अमेरिकी सैनिकों के हटते ही चीन का तालिबान पर दबाव , कहा सभी आतंकी संगठनों से नाते तोड़ो

बीजिंग। अमेरिकी सेना के जाने के बाद चीन ने तालिबान को नसीहत दी है कि यदि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करनी है, तो सभी आतंकी संगठनों से अपने हर तरह के संबंधों तोड़ दे। साथ ही जल्द से जल्द लचीले नियमों को अपनाते हुए एक समावेशी सरकार का गठन करे।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पत्रकार वार्ता में पड़ोसी देशों में अमेरिका के सैन्य हस्तक्षेप की निंदा की। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में बेवजह सैन्य हस्तक्षेप का क्या अंजाम होता है, यह अमेरिका ने बीस साल अफगानिस्तान में रहने के बाद अच्छी तरह से देख लिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तालिबान के नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने चीन यात्रा के दौरान यह वादा किया था कि उइगर मुस्लिम आतंकी ग्रुप ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट को अफगानिस्तान की धरती से कोई गतिविधियां नहीं करने देंगे। तालिबान को यह वादा निभाना चाहिए।
अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक से वोटिंग के समय नदारत रहने वाले चीन ने युद्धग्रस्त देश में मची नई अफरा-तफरी के लिए अमेरिकी सेना की गलत तरीके से वापसी को जिम्मेदार ठहराया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन के प्रतिनिधि ने बताया कि अफगानिस्तान में हाल की अफरा-तफरी के लिए विदेशी सेनाओं की गलत तरीके से वापसी किया जाना जिम्मेदार है। अफगानिस्तान को लेकर 13 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पारित हो चुका है जिसमें रूस और चीन ने नदारत रहकर इसका विरोध किया है।