कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक: खेला सिख+ दलित कार्ड, पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे चरणजीत सिंह चन्नी, कल ले सकते हैं शपथ
पंजाब। पंजाब के नए सीएम होंगे चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब में कांग्रेस ने सिख+ दलित कार्ड खेलते हुए मास्टर स्ट्रोक लगाया है, राजीनीतिक पंडितों का मानना है कि कांग्रेस आलाकमान खास कर राहुल गाँधी ने चन्नी के नाम पर अपनी सहमति जताते हुए आगामी 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव में दलित और सिख दोनों समुदायों को साधने का प्रयास किया है, और इसके साथ ही कांग्रेस ने कोंग्रेसी दिग्गज नेताओं को भी जो (आपसी कलह संलिप्त थे किनारे लगा दिया है) और इसके साथ ही कांग्रेस ने सिद्धू को CM बनाने से भी अपने आपको बचा लिया है, वहीँ कांग्रेस कार्यवाहक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने नए CM चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई देते हुए यह आशा की है की उनके नेतृत्व में पंजाब की सीमाएं सुरक्षित होंगी। आपको बतादें कि चरणजीत सिंह चन्नी को विधायक दल का नेता चुना गया. पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए इस बात का एलान किया. لعبة الروليت في العراق चरणजीत सिंह चन्नी के नाम के एलान के साथ ही पंजाब में ऐसा पहली बार होगा जब कोई दलित नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होगा. इससे पहले कांग्रेस के सीनियर नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम आगे चल रहा था. लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का एलान कर सबको चौंका दिया.
कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी की घोषणा के बाद कहा, “यह आलाकमान का फैसला है…मैं इसका स्वागत करता हूं. चन्नी मेरे छोटे भाई की तरह हैं. شرح لعبة بينجو ”
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने चरणजीत चन्नी के नाम का ट्वीट के ज़रिए एलान किया. उन्होंने जानकारी दी कि मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि चरणजीत सिंह चन्नी को निर्विरोध पंजाब कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है.
चरणजीत सिंह चन्नी अमरिंदर सिंह की सरकार में तकनीकी शिक्षा और पर्यटन मंत्री थे. चमकौर विधानसभा सीट से विधायक हैं. वे पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं.
कांग्रेस के इस फैसले को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. राज्य में दलित आबादी तीस फीसदी से अधिक है. افضل موقع العاب اون لاين साथ ही कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी के भीतर सीनियर नेताओं के बीच की कलह को खत्म करने की कोशिश की है.
लंबे सियासी घमासान के बाद अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया.