लखनऊ: श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश ने अपना पहला दीक्षांत समारोह 11 अक्टूबर, 2021 को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया। सत्र 2019-20 और 2020-21 के लिए स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट विद्यार्थियों को कुल 2954 डिग्री ऑनलाइन प्रदान की गईं। कोविड-19 प्रोटोकॉल सुनिश्चित करते हुए यह समारोह एक प्रतीकात्मक कार्यक्रम रहा, जहाँ केवल स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं को ही परिसर में सम्मान के लिए आमंत्रित किया गया था। 79 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 54 विद्यार्थियों को रजत पदक जबकि 68 डॉक्टरेट विद्यार्थियों को पीएच.डी. डिग्री से सम्मानित किया गया। प्रथम दीक्षांत समारोह में भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई दी। मुख्य अतिथि प्रो. वी.एन. राजशेखरन पिल्लई ने पहले दीक्षांत समारोह के आयोजन पर विश्वविद्यालय को बधाई दी।
मुख्य अतिथि प्रो. वी.एन. राजशेखरन पिल्लई अपना सम्बोधन देते हुए। सुने:
मुख्य अतिथि प्रो. वी.एन. राजशेखरन पिल्लई, पूर्व अध्यक्ष, यूजीसी एवं ई. पंकज अग्रवाल, कुलाधिपति, ई. पूजा अग्रवाल, प्रतिकुलाधिपति, प्रो. ए.के. सिंह, कुलपति, विशिष्ट अतिथि डॉ. सुधीर मिश्रा एवं पद्म श्री प्रह्लाद सिंह टिपानिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम आरंभ किया। दीक्षांत समारोह की शुरुआत प्रो. ए.के. सिंह के स्वागत भाषण एवं विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट की प्रस्तुति से हुई। उन्होंने बताया कि सत्र 2019-20 और 2020-21 के लिए स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट विद्यार्थियों को कुल 2954 डिग्री ऑनलाइन प्रदान की गईं।
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ई. पंकज अग्रवाल ने समस्त विद्यार्थियों एवं एसआरएमयू परिवार को बधाई देते हुए कहा कि प्रथम दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण प्रयोजन है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि समाज को ऐसे रत्नों से नवाजें जो समाज में एक नई उर्जा का संचार करे एवं सकारात्मक परिवर्तन की नींव रखे। उन्होंने बताया की उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाने हेतु अपने दायित्वों को महसूस करते हुए विश्वविद्यालय ने शिक्षा मंत्रालय एवं ऊ.प्र. उच्च शिक्षा विभाग के मानदंडों के अनुरूप नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को सैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू करने का संकल्प लिया है।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. वी.एन. राजशेखरन पिल्लई ने विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह के आयोजन पर बधाई दी। उन्होंने श्री रामस्वरूप अग्रवाल को शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा हर पहलू में जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। एसआरएमयू अंतरराष्ट्रीय मानकों का ज्ञान प्रदान करते हुए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एसआरएमयू ने अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित करके कला और विज्ञान अनोखा समागम किया है।
डॉ. सुधीर मिश्रा, महानिदेशक (ब्रह्मोस), डीआरडीओ और सीईओ और प्रबंध निदेशक (ब्रह्मोस एयरोस्पेस) को मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। लोक कला के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म श्री प्रह्लाद सिंह टिपानिया को डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। छः विद्यार्थियों को कुलाधिपति पदक और प्रतिकुलाधिपति पदक से सम्मानित किया गया। क्रमशः सौरभ अग्रवाल, विदुषी पांडे और कृष्णम रस्तोगी को कुलाधिपति पदक मेडल से सम्मानित किया गया तथा प्रीति वलेचा, नम्रता वर्मा और समरीन खान को प्रतिकुलाधिपति मेडल से सम्मानित किया गया।
समारोह का समापन कुलसचिव प्रो. यू के. सिंह के धन्यवाद भाषण, राष्ट्रगान एवं वृक्षारोपण के साथ हुआ।