बढ़ी सीएनजी की कीमतें, दिल्ली में चार दिन में साढ़े सात रुपये हुई मंहगी
दिल्ली। पेट्रोल-डीजल और सीएनजी की कीमतें लगातार बढ़ रहे हैं। राजधानी दिल्ली में बीते चार दिनों में सीएनजी की कीमतों में साढ़े सात रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है, जिसके बाद कीमतें बढ़कर 69.11 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। इससे निजी वाहन से दफ्तर आना जाना तो महंगा हो ही गया है। साथ में ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ने से आवश्यक वस्तुओं के दाम भी बढ़ रहे हैं लेकिन इन सब के साथ अब आपके बच्चे का स्कूल जाने-आने का खर्च भी बढ़ने जा रहे हैं। स्कूल ट्रांसपोर्ट एकता यूनियन का कहना है कि अब सीधे प्रति हैड (बच्चा) ट्रांसपोर्ट चार्ज 500 रुपये बढ़ाने का समय आ गया है। यह दो महीने में दूसरी बार होगा जब सीएनजी की कीमतों के चलते ट्रांसपोर्ट बढ़ाया जा रहा है।
यूनियन से जुड़े अध्यक्ष रामचंद्र कहते हैं कि 15 मार्च को हमने 500 रुपये चार्ज बढ़ाया था, जिसके बाद दो हजार रुपये से बढ़ाकर ढाई हजार रुपये प्रति बच्चा ट्रांसपोर्ट चार्ज किया था लेकिन उस वक्त सीएनजी की कीमत 60 रुपये प्रति किलो से नीचे थे लेकिन अब 70 रुपये के पास कीमत जा पहुंची है। इसलिए ट्रांसपोर्ट चार्ज को 500 रुपये प्रति बच्चे की दर से बढ़ाए बिना काम नहीं चलेगा। रामचंद्र कहते हैं कि सीएनजी की कीमतें बढ़ने के चलते हम लोग पहले से घाटे में चल रहे हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि करीब 1800 रुपये के घाटे में स्कूल कैब चला रहे हैं।
यूनियन के महीने में खर्च:
सीएनजी खर्च- 7000
ड्राइवर तनख्वाह- 15000
एमसीडी पार्किंग- 208
टायर- 416
सर्विस- 1666
दस्तावेज- 2503
कुल खर्च- 26,793
कैब में 10 बच्चों की अनुमति के हिसाब से कुल कारोबार 25 हजार रुपये
इस हिसाब से हर महीने -1793 का नुकसान।
सीएनजी के दामों में वृद्धि होने पर स्कूल कैब चालकों ने भी बच्चों को स्कूल परिवहन का किराया बढ़ा दिया है। मौजपुर गांव में रहने वाले नवीन ने बताया कि उनका बेटा कड़कड़डूमा स्थित केंद्रीय विद्यालय में पढ़ता है। पहले कैब चालक बेटे को छोड़कर आने के लिए दो हजार रुपये लेता था। लेकिन जब से सीएनजी के दामों में वृद्धि हुई है उसके बाद से चालक ने 2800 रुपये की मांग की है। जिस कारण बच्चे को खुद ही स्कूल छोड़ने और घर लाने का फैसला लिया है। लगभग सात किलोमीटर के लिए किराये में 800 रुपये की वृद्धि उचित नहीं है।